यह कहानी है निर्मला भिडे़ की जो गांगलीसकतलाई में निवास करती है। उनके समूह का नाम लक्ष्मी माता है।
वे बताती है कि समूह से जुडने से पहले वे प्रतिदिन 150 की मजदूरी कर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रही थी।
उन्होंने समूह से जुडने के बाद वहॉ से लोन लेकर सब्जी विक्रय का कार्य प्रारंभ किया। जिससे वे अब प्रतिदिन 300 से 500 रूपए की आमदनी ले रही है। उन्होंने अपने ही ग्राम मे रोजगार का अच्छा अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को अभार प्रकृट किया।
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